OOPs Concept in C++ in Hindi - C++ में OOPs क्या हे ?

Hello Friends , आज की (OOPs Concept in C++ in Hindi) इस आर्टिकल के अन्दर हम C++ के एक बहत Important Concept OOPs (Object Oriented Programming) के बारे में आप लोगो को पूरी जानकारी देने वाले हे | OOPs एक एइसा Topics हे जिसे आसानी से समझा जा सके , और इसलिए हम इस आर्टिकल के अन्दर OOPs के पुरे Concept बहत ही आसान भासा में समझाने की कौसिस करेंगे , जेइसे OOPs क्या हे , क्यू हमें इस OOPs को सीखना चाहिए और OOPs के क्या क्या फायदे हे , इन सारे Topics को बिस्तार से Discuss करेंगे | ताकि आप लोग आसानी से समझ कर अपने Program के अन्दर Implement कर सको | तो चलिए आज की इस आर्टिकल को शुरू करते हे ,,,


OOPs Concept in C++ in Hindi





 

OOPs Concept in C++ in Hindi - C++ में OOPs क्या हे ?

OOPs का पूरा नाम Object Oriented Programming हे , OOPs में Class और Object के Base पे ही Programming किये जाते हे | जिसमे Data और Method को Manipulate किये जाते हे , मतलब Real World के जो भी Problem होते हे वो इस OOPs Programming के माध्यम से Solved किये जाते हे |

तो ये रहे OOPs के बेसिक Concept , अब हम बात करेंगे की हमें इस OOPs को क्यू सीखना चाहिए ?

Why OOPs :- (OOPs को क्यू सीखना चाहिए )

1. C Language के अन्दर Class का Concept को Add करके इस Object Oriented Programming (OOPs) को डिजाईन किया गया था | मतलब इस C++ Language के अन्दर C Language का पूरा Concept हे , जिसमे कुछ नये Features के साथ Class और Object का Concept add किया गया हे |

2. जिस तरह से नये नये Program किये जाते हे उसमे Readability Increse हो जाती हे , और इसमें जो Bug / Error होते हे वो आसानी से Solved नही होते , तो ये जो OOPs का Concept हे इसके कुछ Features के बजह से वो Error को आसानी से Solved कर सकते हे |

3. C Language के Function के अन्दर जादातर Problem दिखाई देती हे , जो इस C++ के OOPs में वो 90% Problem को Solved कर सकते हे |

4. OOPs में Data Secure होते हे , क्यू की इस OOPs के अन्दर Class के अन्दर Object को Define करके आसानी से Use कर सकते हे | मतलब - इस Class और Object के Concept के बजह से वो Data को Secure करके रख सकते हे |

5. इस OOPs के मदत से Real World के जो भी Problem होते हे , वो भी Solve हो जाते हे |

6. OOPs में जो Code होते हे वो बहत ही Simple होता हे , जिसे आसानी से समझा जा सकता हे |

तो ये कुछ Point हे जिसमे हमने बताया हे की क्यू हमें इस OOPs को सीखना चाहिए | उम्मीद हे की इस Concept को आप लोग समझ गये होंगे |

Procedure and Object Oriented Programming :-

C Language को ही Procedure Programming Language कहते हे , और इस C Language के अन्दर कंप्यूटर को आप जो भी Instruction देते हो , वो Instruction कंप्यूटर Flow करता हे | मतलब Step by Step वो Programming के Code को Execute करते हे |
लेकिन Procedure Oriented Programming में Main Focus Function पे ही होता हे , नाही Data की Flow में | Function के अन्दर Local और Global Data को Use किये जाते हे | इसके अन्दर Function to Function आसानी से Moves कर सकते हे |

जेइसे मानलो , एक Main Program में एक से जादा Function हे , तो ये Main Program वो सब Function में से किसी भी Function को भी Run कर सकते हे , या तक वो Function आपस में एक दुसरे को Use करके Run कर सकते हे | मतलब Procedure Oriented Programming में Main Focus Function पे ही होता हे , जो आसानी से एक दुसरे Function को Use करके Run कर सकते हे | तो इसलिए ये Concept Procedure Programming से थोड़ा अलग हे |


आइये जानते हे की ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग के क्या फायदे हे ?

OOPs के फायदे (Benefit of OOPs):-

1. OOPs के अन्दर Object और Inheritance का जो Concept होता हे , उसके मदत से Code को Re-use कर सकते हे , मतलब इस OOPs में Readability का Concept होता हे |

2. Code को Secure किये जाते हे , मतलब इस OOPs में Data Hiding का जो Concept होता हे , उसके मदत से ही Program के Code को Secure किये जाते हे |

3. एक से जादा Object को Create करके आसानी से Use कर सकते हे | जेइसे मानलो हमने Person नाम से एक Class को Define करके उसके अन्दर एक Ram और एक Rohit नाम से Object Create की हे , तो ये Ram का जो भी Data होगा वो Rohit के Data से कोई भी मतलब नही होगा , वो दो Object एक दुसरे से Connect होके भी अलग अलग Data को अलग अलग तरह से Execute करेगा |

4. इस OOPs के मदत से आप चाहे तो कितनी भी बड़े और Complex Software बनायीं हो , उसे आप आसानी से Manage कर सकते हो | मतलब इस OOPs में Software Complexity को आसानी से Manage किया जा सकता हे |

Features of OOPs in C++:-

OOPs के अन्दर कुछ Features होते हे , जिसके बजह से इस Programming को Object Oriented Programming कहा जाता हे | तो आइये जान लेते हे , की वो कोन कोन सी Features होते हे ,,

  • Class and Object
  • Encapsulation
  • Abstraction
  • Polymorphism
  • Inheritance
  • Massage Passing
  • Dynamic Binding

तो OOPs के अन्दर ये कुछ Important Features होते हे, आइये इन सारे Features के बारे में बिस्तार से बात करते हे ,,

  • Note -  इन सारे Features को लेकर हम एक एक Topics के ऊपर अलग अलग आर्टिकल लेकर आएंगे हमरे आनेवाले आर्टिकल के अन्दर |


1. Class and Object :-

Class एक ही तरह के Data का Collection होता हे , जो Data Member और Member Function को Represent करते हे | Class एक User Defined Data Type होता हे , जिसे User अपने हिसाब से Use कर सकते हे |
और उसी तरह Object Class का ही Instant होता हे , मतलब Object Class के States और Behavior को Represent करता हे | बिना Class को Create करके हम Object को Create नही कर सकते हे , और एक Class के अन्दर बहत सारे Object Create कर सकते हे | 

जेइसे -
हमने Person नाम से एक Class Create की हे , तो उसके अन्दर एक से जादा Object (Sanat , Rahul, Rohit , abc..) इस तरह के बहत जादा Object को Create कर सकते हे | लेकिन जब हम Class को Create करते हे , तो उसके अन्दर किसी भी तरह के Memory Space को Use नही कर सकते , क्यू की Class कोई भी Memory Space Use नही करता | लेकिन उसी Class के अन्दर हमने जो Object Create कि हे , तो उन सारे Object के लिए अलग अलग Memory Space Use होता हे |

तो ये रहे Class और Object का Basic Concept , इस Class और Object के बारे में हमने एक अलग आर्टिकल Post किये हे , आप लोग निचे दिए गये इस आर्टिकल को जरुर पड़े ...

Read Now :- Class and Object in C++ in Hindi 

2. Encapsulation:-

Encapsulation का मतलब हे जहापे Data और Method को एक साथ लिखा जाता हे | आसान भासा में कह तो , जहापे Data और Method को एक साथ देखनो को मिलता हे , वोही होता हे Encapsulation | तो Class सबसे आसान Example हे Encapsulation का , जिसके अन्दर Data और Method का Combination होता हे |
Encapsulation के अन्दर वो Accessibility होता हे जिसके बजह से कोई भी बाहार का Code इस Class और Object के अन्दर के Code को Modify या फिर change ना कर सके | मतलब इस Encapsulation के अन्दर Private और Public Part होते हे और उस Private Part के अन्दर जो भी Data होते हे उसे बाहार से Access नही कर सकते हे |

Example-

class sanat
{
private :
    // code (data)
public :
    // code (function)
    {
    }
};

तो ये होता हे Encapsulation का Concept उम्मीद करता हु आप लोग समझ गये होंगे ,,


Read Now :-     Encapsulation in C++ in Hindi   


3. Abstraction :-

Abstraction एक एइसा Process होता हे जिसके अन्दर जो Essential Features होते हे , वो सब Show होता हे , लेकिन उसके अन्दर जो भी Unnecessary Details होते हे , उसे Hide किया जाता हे |
एक Real Example के मदत से इस Concept को और अछे से समझने के कौसिस करते हे |

जेइसे आप कोई ATM के अन्दर जब भी पैसे Withdraw या फिर Balance Check करते हो , तो उसमे सिर्फ आपका वो ही Result दिखता हे , लेकिन क्या आपको ये दिखता हे की अपने जो भी Details दी हे , वो किस तरह से Implement करता हे या फिर उसके लिए किस तरह के Code को Execute किया जाता हे | मतलब उस ATM के अन्दर क्या वो Process दीखता हे की किस तरह से जब कोई Balance को Check करता हे या फिर Balance Withdraw करता हे , नही ना | क्यू की वो उस Code को Hide करके रखते हे , तो कुछ इस तरह से ही ये Abstraction का Process काम करता हे |
मतलब जो Input का Output होगा वोही Show करेगा , लेकिन जो उस Input से Output का Process होगा , वो Back end के अन्दर चलेगा | उसी Back end के Process को ही Abstraction कहा जाता हे |

आशा करता हु आप लोग इस Concept को अछे से समझ गये होंगे |

4. Polymorphism :-

Polymorphism का मतलब हे एक Single Object को अलग अलग तरीके से Define करना | मतलब एक Class के अन्दर जो Object होते हे उसी Object को हम अलग अलग Derived Class के अन्दर Use कर सकते हे , तो इस Concept को ही Polymorphism कहा जाता हे |

जेइसे मानलो मोबाइल एक Object हे और उसके अन्दर जो Behavior हे वो ही होता हे Polymorphism |

मतलब एक मोबाइल फोन को हम अलग अलग तरह से Use कर सकते हे , जेइसे - अगर हमें किसी को Call करना होगा , तो इसी मोबाइल से Call कर सकते हे , और अगर कोई गाना सुनने का मन करे तो इसी मोबाइल से हम गाना सुन सकते हे | और अगर कभी भी फोटो Shoot करने का मन करे , तो इसी मोबाइल से Camera का Use करके फोटो Click कर सकते हे |

तो ये जो हम एक मोबाइल को अलग अलग तरीके से Use कर सकते हे , एही होता हे Polymorphism का Concept | मतलब - एक ही Object को अलग अलग तरीके से Treate करना , तो उम्मीद करता हु आप लोग समझ गये होंगे की मय क्या कहना चाहता हु |

Polymorphism को दो तरह से Implement किया जाता हे ,

 1. Static Polymorphism :- Static Polymorphism के अन्दर Function Overload करके Implement किया    जाता हे | और ,

 2. Dynamic Polymorphism:- Dynamic Polymorphism में Function को Overriding करके Implement किया जाता हे |



5. Inheritance:-

Inheritance के मदत से किसी एक Class के Properties को किसी और Class के अन्दर Access किया जाता हे , जिसमे एक Class के अन्दर जो भी Data या Function होते हे , वो किसी और एक Class के अन्दर Access करके Use कर सकते हे |

Example -

class abc
{
   // data
   // function
};
class xyz : public abc
{
   // data
   // function
};

इस तरह से abc Class के अन्दर जो भी Properties होगा वो इस xyz के Class के अन्दर Access कर सकते हे |

 इसे भी जरुर पड़े - Inheritance in C++ in Hindi

6. Massage Passing :-

Massage Passing के अन्दर एक Object का कोई भी Massage किसी और Object के अन्दर Pass करना , मतलब एक दुसरे Object के साथ इस massage के मदत से communicate किये जाते हे |
मतलब मानलो , Object 1 Object 2 को कोई Input Pass कर रहा हे , और ये Object 2 उसका जो भी Output होगा , उसे Massage की Through फिर से Object 1 को Return करता हे |
तो ये ही होता हे Massage Passing का Concept |

7. Dynamic Binding :-

Dynamic Binding के जो Concept हे वो हे , जेइसे मानलो , हमने एक Program की हे , तो उसके अन्दर बहत सारे Code होंगे , और इस Program के अन्दर बहत सारे Function को Use किये हे , तो ये जो बहत सारे Function कब और कहा Call करेंगे , ये जो Call करने का Concept हे , की कोन सा Function कब Call करेगा और इसके लिए जो Process हे वो सिर्फ Run Time के अन्दर ही Decide होगा , लेकिन ये Program जब Compile होगा तब ये Decide नही करेगा , ये सिर्फ Run Time में ही Decide होगा | तो ये जो Process हे Function को Call करने का , इस Concept को ही Dynamic Binding कहा जाता हे |


तो ये रहे OOPs के Features के बारे में पूरी जानकारी , उम्मीद करता हु आप लोग इस Concept को अछे से समझ गये होंगे ,,,


Read More :- OOPs Concept in Java in Hindi 

Conclusion :-

हमने आज की इस आर्टिकल के अन्दर C++ Language के OOPs के बारे में पूरी जानकारी आप लगो के साथ शेयर की हे , जिसके अन्दर बताया गया हे की OOPs क्या हे , इस OOPs को क्यू सीखना चाहिए , और साथ में इस OOPs के अन्दर जो भी features होते हे उसके बारे में बिस्तार से बताया गया हे |

तो उम्मीद करता हु आज की (OOPs Concept in C++ in Hindi) इस आर्टिकल के अन्दर दिए गये जानकारी से आप लोगो की काफी मदत मिली होगी और आशा करता हु और इस आर्टिकल को पूरा पड़ने के बाद आप लोगो के इस OOPs के बारे में पूरी Concept Clear हो गया होगा | और अगर फिर भी कोई शाबाल या फिर कोई Doubt रहे गये तो निचे Comment कर सकते हो , और इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे |

Thank You ......
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